Sunday, May 22, 2011

चुलबुल बना डिस्कवरी.......

बॉलीवुड इक ऐसी जगह है ......जहा पर दोस्ती के किस्से कम और दुश्मनी के ज्यादा सुनाई देते है ....... i .. me & my self ........पर विशवास करने वाले चुलबुल पांडे के बॉलीवुड में ......दबंगई के चर्चे बहुत मशहूर है ........... शाहरुख़ , विवेक ,रणवीर कपूर ...............न जाने कितने लोगो के साथ सलमान के झगड़े के किस्से फैले हुए है .......पर कहते है न .......की हर चीज के अपवाद भी होते है .....


" A FRIEND IN NEED IS A FRIEND INDEED " .......... अगर यह उपाधि किसी को दी जानी चाहिये .....तोह वह सलमान खान है ........... दोस्ती किस तरह निभानी है इसकी क्वालिटी केवल इन्ही के पास है ........इसी के साथ -साथ वह हमेशा नयी -नयी खोज करने के लिए भी जाने जाते है । जब भी बॉलीवुड में कोई नया चेहरा पेश होता है तोह .........उसके पीछे सल्लू मियां का हाथ जरूर होता है ........


स्नेहा उल्लाल ( LUCKY) ...... कटरीना ( MAINE DIL TUJHKO DIYA ) ..... ज़रीन खान ( VEER) ...........
ब्रूना अब्दुल्ला (CASH ITEM SONG ).........सोनाक्षी सिन्हा (DABANGG) ..........इन सभी का रास्ता बॉलीवुड में सलमान ने ही खोला ........यानी चुलबुल पांडे बॉलीवुड में .......डिस्कवरी पर्सन बन गए है ......जो हमेशा कुछ न कुछ नयी खोज करते ही रहते है ........


अगर दोस्ती की बात देखि जाय तोह सलमान खान इसमें भी पीछे नही है ......... अब गोविंदा की ही बात ले लीजिये ..जिनके डूबते फ़िल्मी करियर की नैया के खवैया यही बने ........फिल्म पार्टनर में सलमान ने ......ची ची (गोविंदा)
को बॉलीवुड में फिर से एंट्री दिला दी .......अब तोह खबर यह भी है .......की चुलबुल की चुलबुली दया अब .......नर्मदा
जो गोविंदा की बेटी है .......उन पर भी होने वाली है ........यानी कुछ दिनों बाद हमे फिर इक नयी खोज दिखाई देगी..

अभी हाल ही में .......ज़रीन खान ने कहा की जब भी वह मुसीबत में होती है .......तोह सलमान के पास जाती है ......
सायद यही वजह है की .........वीर की असफलता के बाद भी ........सलमान ने उन्हें फिर से इक नया मौका दिया ...इक अच्छा एक्टर होने के साथ -साथ ........इक अच्छा इंसान होना भी बहुत जरुरी है ...... यह बात भी सल्लू मिया ने साबित कर दी है ...... इसलिए ..चैरिटी में सबसे आगे सलमान ही रहते है ........."BEING HUMAN " संस्था से जुड़ने के बाद RAMP WALK करके जमकर इसकी पब्लिसिटी भी की ........ यह इसी बात को दर्शाता है .....


खैर हम तोह यही दुआ करेंगे की ........चुलबुल पाण्डेय का दोस्ताना और डिस्कवरी यूं ही चलता रहे .......ताकि हमे भी इसी तरह बॉलीवुड में नए - नए चेहरे दिखाई देते रहे ...........

Wednesday, May 18, 2011

दर्द अभी बाकी है ..

आजकल जहा देख रही हूँ वही पर ..उत्तर प्रदेश छाया हुआ है । टी.वी.चैनल ,अखबार , या फिर लोगो की बात चीत ..सब जगह बस इसी के ही चर्चे है । आखिर हो भी क्यों न ?अगली बारी उत्तर प्रदेश की है ..मिसन२०१२ ..बहुत दिनों से भट्टा परसोल के चर्चे सुन सुन कर कान पक गये है ..इस मुद्दे को सुलझाने से ज्यदा उलझाया जा रहा है । सभी अपनी अपनी ढपली और अपना अपना राग गा रहे है.. और.. पार्टिया अपनी राजनीतिक रोटिया सेकने में लगी हुई है ..इसका भी इक ही उत्तर है ..सिर्फ चुनावी स्टंट .....बस किसी तरह नैया पार लग जाय फिर खेवैया हो मस्त ..और....जनता रहे त्रस्त!!!!

भट्टा परसोल गाव की न्यूज़ देखते देखते ....अचानक इक बहुत ही प्रसिद्ध नारा याद आ गया .."जय जवान जय किसान " (लाल बहादुर शास्त्री ) ...........यहाँ किसान भी त्रस्त है और जवान भी पस्त है .......यहाँ जवान से मेरा मतलब युवा से है !! ........ इक दिन बस स्टॉप पर स्टुडेंट ग्रुप आपस में बहस कर रहे थे .... मुद्दा था ....उत्तर प्रदेश
मैंने भी उन्हें ज्वाइन किया .......बहुत लम्बी बहस चली .....सबने अपना अपना opinion दिया ......तभी इक स्टुडेंट ने अपना opinion कुछ इस तरह दिया ...... अभी हाल में ही मायावती सरकार ने अपना ४ कार्य काल पूरा किया ........इसका अच्छा खासा विज्ञापन भी करवाया गया .......लेकिन उसमे इक चीज मिस थी ....और वह है youth!! ....उनोहोने हमारे लिए क्या किया ?

करोड़ो रूपए के पत्थर की जगह .....industry ..plant .....या बाहर से कंपनी को बुला कर उत्तर प्रदेश की शिक्षा में इक नया विकास कर सकती थी ..... प्लेसमेंट बेस अच्छा बना सकती थी .........जो आज युवा की सबसे ज्यादा जरुरत है ....बेरोजगारी और अशिक्षा इस कदर फैली हुई है .......उसे अभी तक दूर नही किया जा सका है ....आज लोग अपनी खेती -बाड़ी बेचकर कर्जा लेकर अपने बच्चो को पढ़ा रहे है .......पर क्या वोह सफल हो गये है अपने इस काम में ? तोह मेरा जवाब है नही .....मुझे उनका opinion अच्छा लगा ....वाकई में आज भी हमारे राज्य में अच्छे अच्छे डिग्री धारक लोग बेठे हुए है .....इक अच्छी पढाई करके भी उन्हें बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है ..बेठने की बजाय वह दुसरे राज्यों में जा रहे है .....ऐसा क्यों हो रहा है ? .....वाकई में यह बहुत शर्मनाक बात है हमारे लिए .........क्या हम इतना गए गुजरे है की अपने राज्य में रोजगार पैदा नही कर सकते है !!

यहाँ पर सरकार बदलते ही संस्थानों और विभागों के नाम बदल जाते है ......अगर यही बदलाव रोजगार और सिक्षा के मामले किया जाता तोह आज हमारा राज्य इतना पीछे नही रहते .....पूछने पर सब इक दुसरे को जिम्मेदार ठहराते है यानी ......."ढाक के तीन पात "..इसके पिछड़ेपन किसी इक को जिम्मेदार नही माना जा सकता है ........अगर हम अपने पाले की गेंद को दुसरे पाले में फेकने की बजाय अपनी गलतियों और कमियों पर काम करे ..तोह यह ज्यदा अच्छा होगा उत्तर प्रदेश के भविष्य के लिए !!


कभी कभी मैं यह सोचती हूँ .... यु.पी.की पहचान क्या है ? ......तोह सिर्फ इक ही जवाब मिलता है ...."जातिवाद"...
हमारे यहाँ जातियों का ज्यदा ही बोलबाला है ...... "हम सुधेरेंगे तोह जग सुधेरेगा" पर कही न कही हम भी इसके लिए जिम्मेदार है .....आज भी हम विकास से ज्यदा जाति देखते है ......उमीदवार की योग्यता की न आककर....उसकी जाति को आकते है ........शायद यही कारण है ....... की यहाँ पर लोग जेल में रहते हुए भी चुनाव जीत जाते है .........और फिर जब कुछ गलत होता है तोह हम अपनी गलती भी स्वीकार नही करते है .......अगर हम जाति -पात को छोड़कर ...यु .पी.के विकास पर ध्यान देते तोह आज ....इसे अच्छे नजरो से देखा जाता .......इसी का उदाहरण है महारास्ट्र और दक्षिण राज्यों में हमारे साथ दुर्व्येहव्हार........जब मैंने यु.पी.की कमियों के आकडे सर्च किये तोह ....तोह दुःख भी हुआ और ख़ुशी भी ........ख़ुशी इस बात पर की हमने विकास कर लिया है .... .....और दुःख इस बात पर .....यह नंबर अभी भी नीचे से शुरू होता है !!


भुखमरी..गरीबी ...बेरोजगारी ..शिक्षा ...कन्या भूरून हत्या .... आज भी जटिल समस्या बनी हुई है ....२०११ की जनगणना के अनुसार ....हम आबादी में सबसे ज्यदा आगे है ...ब्राजील के बराबर केवल हमारे राज्य की जनसँख्या है ....और कन्या भुरून हत्या का ग्राफ भी बढ़ा है .. क्या इस तरह हम विकास कर पायेंगे ?!! उत्तर परदेश भारत का सबसे बड़ा राज्य है ......लेकिन अभी भी यह पिछड़ा हुआ है .......इक बात यह भी है की .......हमारे यहाँ भावनाओं को समझने से ज्यदा....... उसका मजाक बनाया जाता है .....आज जो भी भट्टा परसोल गाव में किसानो के स्थिती इसी का इक जीता जागता उदाहरण है .....हर कोई अपना उल्लू सीधा कर रहा है .....सबने अपनी अपनी बातें कही ...... इतना बड़ा ड्रामा कर दिया ......इससे किसानो को क्या फायदा हुआ ?? कुछ भी नहीं ....जिस तरह विकास के नाम खेतो को बंजर बनाया जा रहा है ....... जमीनों का अधिग्रहण किया जा रहा है ....वाकई में नहुत निंदनीय है ....... हमारे यहाँ पता नही क्यों हर कानून बनाने में इतना समय क्यों लगता है !! ....इसमें जरूर सुधार होना चाहिये ...... इस तरह से हम कभी विकास कर ही नही पायेंगे ....और यु.पी.की तोह बात ही निराली है ....


लिखने
को तोह बहुत कुछ लिखा जा सकता है .... पर लिखने के साथ -साथ करने की जरुरत है ....और उसी में हम पीछे है... जिस दिन हम करना सीख लेंगे उस दिन उत्तर प्रदेश और भारत दोनों की tasveer बदल जायगी ....